सुबोध सिंह APP न्यूज, डेस्क रिपोर्ट बांका (बिहार);
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मौत की खबर सुन रोते विलखते परिजन |
जिले के शंभूगंज थाना क्षेत्र के बेलारी गांव के मजदूर सुधीर दास का आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में बाइक के धक्के से मौत हो गई। वह 38 वर्ष के थे। वो दस दिन पूर्व ही मजदूरी करने आंध्र प्रदेश के हैदराबाद गए थे। घटना के बाद सूचना मिलते ही परिजनों में कोहरमा मच गय है। उसकी मां, पत्नी और पुत्र पुत्री का रो-रो कर बुरा हाल है। जानकारी के अनुसार शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र के बेलारी गांव के सुधीर दास की गरीबी हालत रहने के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे।
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मृतक सुधीर दास की फाइल फोटो |
जहां वह अपने दोस्तों के कहने पर दस दिन पूर्व ही मजदूरी करने आंध्र प्रदेश के हैदराबाद गए थे।जहां वह अट्टा कंपनी में कार्य कर रहे थे।इसी दौरान शनिवार की सुबह राशन की खरीदारी करने के लिए वह अपने क्वार्टर से किराना दुकान जा रहे थे। जहां रास्ते में ही तेज रफ्तार बाइक ने उसे धक्का मार दिया। जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घटना की सूचना पर उसके सहयोगी घटनास्थल पर पहुंचे और आनन फानन में हैदराबाद के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलने के साथ ही परिजनों में कोहरमा मच गया। मृतक की मां बुचिया देवी और पत्नी गुंजा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है।
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चार पुत्री और एक पुत्र के सिर से उठ गया पिता की साया |
बेलारी गांव के मजदूर की मौत के बाद परिजनों में मचा कोहराम
चुटिया बेलारी पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि मु बदुद आलम ने बताया कि मृतक सुधीर दास पिता मांगो दास इकलौता भाई था। जिसकी पहली पत्नी की मौत हो जाने के बाद सुधीर दास ने एक वर्ष पूर्व ही दो वर्ष पूर्व ही दुसरी शादी किया था। जिससे एक पुत्र हुआ था। जबकि पहली पत्नी से चार पुत्री और एक पुत्र था।पहली पत्नी फूलमानी देवी के मौत वर्ष 2021 में ही हो गई थी। इसके बाद फिर सुधीर दास ने दूसरी शादी गुंजा देवी से कर लिया।
गरीबी हालत ऐसी की शव गांव लाना मुश्किल
मृतक सुधीर दास की गरीबी हालत ऐसी है कि उसके परिजन को मृतक का शव गांव लाना मुश्किल भरा लग रहा है। इसके बाद सरपंच प्रतिनिधि मु बदुद आलम सहित कई ग्रामीण वहा से शव लाने को लेकर आर्थिक जुगाड़ करने में लगे हुए हैं। घटना के बाद उसके घर में उसकी मां बुचिया देवी और पत्नी गुंजा देवी सहित पुत्र और पुत्री पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा है। सुधीर दास की मौत होने के बाद चार पुत्री और दो पुत्र पर से पिता का साया उठ गया है।