रिपोर्ट ठाकुर विनोद सिंह ,शंभूगंज (बांका):
जिले के शंभूगंज एसपीएस कॉलेज में रविवार को विश्व एड्स दिवस के मौके पर परिचर्चा समारोह का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ कॉलेज के प्राचार्य डॉ योगेश कुमार ने विधिवत दीप प्रज्वलित कर किया। इस मौके पर प्रचार डॉ योगेश कुमार सिंह ने कहा कि विश्व एड्स दिवस मनाने का शुरुआत 1988 ई से प्रारंभ की गई है।
कॉलेज में हर वर्ष 1 दिसंम्बर को मनाया जाता एड्स दिवस
इस कॉलेज में प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। जिससे ऐड्स से बचाव का प्रचार प्रसार करने की दृष्टि से किया जाता है। प्राचार्य डॉ योगेश कुमार ने कहा एड्स एक ऐसी जानलेवा बीमारी है जो मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु संक्रमण के बाद होती है। एचआईवी संक्रमण के पश्चात मानवीय शरीर की प्रतिरोधक क्षमता घटने लगती है। एड्स का पूर्ण रूप से उपचार अभी तक संभव नहीं हो सका है। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति में एड्स की पहचान संभावित लक्षणों के दिखने के पश्चात ही हो पाती है। रोग रोकथाम एवं निवारण केंद्र द्वारा एड्स के संभावित लक्षण बताये गए हैं।
एचआईवी संक्रमण खतरनाक ,बचाव को लेकर सतर्कता जरूरी
एचआईवी संक्रमित व्यक्ति, जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं है, में एड्स के लक्षणों की जांच विशेष रक्त जांच के आधार पर की जा सकती है। एचआईवी संक्रमण का अर्थ यह नहीं है कि वह व्यक्ति एड्स से भी पीड़ित हो। एड्स की पुष्टि चिकित्सकों द्वारा जांच के पश्चात ही की जा सकती है। एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कम कर देता है कि इसके बाद शरीर अन्य संक्रमणों से लड़ पाने में अक्षम हो जाता है।
कार्यक्रम में कॉलेज कर्मी व सैकड़ो छात्र छात्रा रहे मौजुद
इस प्रकार के संक्रमण को अवसरवादी संक्रमण कहा जाता है। क्योंकि ये अवसर पाकर कमजोर हो रहे प्रतिरक्षा प्रणाली पर हावी हो जाते हैं। जो बाद में एक बीमारी का रूप ग्रहण कर लेती है। इस मौके पर एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर सलिल कुमार सिंह, प्रो दिवाकर पंजीकार, प्रो कृष्णदेव सिंह, प्रो अच्युतानंद सिंह, प्रभात कुमार सिंह ,प्रो दीपक कुमार सिंह के साथ-सथा दर्जनो से ज्यादा छात्र छात्राओं के द्वारा परिचर्चा में अपना विचार प्रकट किया।