जीविका दीदी से अवैध वसूली करने के मामले में दो जीविका सीएम पर होगी कार्रवाई
बिहार में सीएम नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के लिए सात सितंबर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई। इसके लिए आनलाइन व आफलाइन दोनों तरह की व्यवस्था की गई है। जहां ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी निर्देश के अनुसार हर घर की एक महिला को रोजगार शुरू करने के लिए पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये मिलेगा। किंन्तू इस राशि मिलने के पहले ही भागलपुर जिले के सुलतानगंज प्रखंड के दो जीविका सीएम ने अवैध वसुली का खेल शुरू कर दिया।
इस योजना के लिए जीविका से जुड़ीं महिला से रविवार को ₹10000 लेने की प्रक्रिया के लिए लाभुकों से जब राशन कार्ड बैंक खाता और फॉर्म भरकर जीविका सीएम के द्वारा लिया जा रहा था तो भागलपुर जिले के सुल्तानगंज प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नयागांव पंचायत के बात गांव के जीविका सीएम रूबी देवी और रिंकू शर्मा के द्वारा प्रति महिलाएं इस योजना का लाभ लेने के लिए उससे ₹200 की अवैध वसूली करने लगी और तो और ₹10000 मिलने के बाद उससे भी ₹1000 जमा करने का शर्त कर फॉर्म लेने लगे।
हद तो तब हो गई जब रूबी देवी ने जीविका से जुड़ी कई महिलाओं से प्रति महिला पेटीएम के जरिए ऑनलाइन दो ₹200 वसूल लिए। इसके बाद गांव में विरोध शुरू हो गई और मामला प्रखंड से लेकर जिला और राज्य स्तर तक पहुंच गई। जिसके बाद जिला और राज्य स्तर की टीम जांच करने बाथ गांव पहुंचा। जब ग्रामीण महिलाओं ने साक्ष्य के साथ शिकायत किया तो अधिकारी भी जीविका सीएम रूबी देवी और रिंकू शर्मा की करतूत को देखकर दंग रह गए। जांच करने आए जिला और राज्य स्तरीय टीम ने बताया कि दोनों जीविका सीएम पर कार्रवाई की जाएगी।
इधर पूछे जाने पर सुलतानगंज प्रखंड के बाथ गांव के जीविका के सीएम रूबी देवी और रिंकू शर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोप को बेबुनियाद बताई है और कहा कि उन पर जो आरोप लगाया गया है सिर्फ बदनाम करने के लिए लगाया गया है। वो किसी भी जीविका से पैसे का वसूली नहीं किए हैं।
जांच टीम ने बताया कि इसकी जानकारी वह भागलपुर डीएम को भी देंगे, ताकि दोनों जीविका सीएम पर विधि सम्मत कार्रवाई की जा सके। इसके बाद से दोनों जीविका सीएम पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। जांच करने आए जिला और राज्य स्तरीय टीम ने बताया। जीविका से जुड़ी महिलाओ को कम ब्याज पर ऋण, स्वरोजगार के अवसर, प्रशिक्षण और आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलता है। जीविका से जुड़कर महिलाएं आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर मजबूत होती हैं।
जीविका की कार्यक्रम प्रबंधक ने बताया कि राज्य के कई हिस्सों से यह सूचना आ रही है कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की घोषणा होने के बाद से जीविका में शामिल होने के लिए राशि की मांग की जा रही है।
जुड़ने के लिए राशि नहीं दें
एक चीज यहां साफ करने की जरूरत है कि किसी को कोई भी राशि देने की जरूरत नहीं है। इसके लिए फार्म भरने के बाद समूह स्तर पर पड़ताल की जाती है। मानक के अनुसार सबकुछ पाए जाने के बाद महिला को उससे जोड़ लिया जाता है। इसके बाद भविष्य में सरकार के स्तर से जो भी लाभकारी योजनाएं शुरू की जाती हैं उसका लाभ समूह की सभी महिलाओं को दिया जाता है।
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना शुरू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य यह है कि राज्य के सभी परिवार की एक महिला अपने पसंद का रोजगार शुरू कर सके। इससे वह आर्थिक रूप से सशक्त हो सकेंगी। इसके लिए उसे पहली किस्त के रूप में 10,000 रुपये खाते में दिए जाएंगे। छह माह बाद प्रगति संतोषजनक पाए जाने के बाद शेष दो लाख रुपये दिए जाएंगे।
इसके लिए कौन हैं पात्र
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी पत्र के अनुसार महिला रोजगार योजना का लाभ लेने के लिए जीविका का सदस्य बनना जरूरी है। जो नहीं हैं उन्हें इससे जुड़ी प्रक्रिया पूरी करते हुए जुड़ना होगा।