प्रिंस APP न्यूज ब्यूरो रिपोर्ट बांका (बिहार)
जिला स्तरीय खरीफ कार्यशाला का आयोजन डीएम ने किया उद्घाटन
खरीफ महाभियान 2025 के तहत कृषि विभाग, बांका द्वारा जिला स्तरीय खरीफ कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को चन्द्रशेखर सिंह भवन में किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिलाधिकारी अंशुल कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला में कृषि पदाधिकारी, उपादान विक्रेता, प्रगतिशील किसान और प्रसार कार्यकर्ता शामिल हुए।खरीफ 2025 में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न की खेती को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए कुल 11 क्विंटल बीज का वितरण 75 प्रतिशत अनुदान पर किया जायेगा।
जिले में 200 एकड़ में इसकी बुआई होगी। इसके लिए क्लस्टर का निर्माण कर लिया गया है।स्वीट कॉर्न का बीज अमरपुर, बांका, बाराहाट, बेलहर, धोरैया, कटोरिया और शंभूगंज प्रखंडों में वितरित किया जायेगा। कुल 3 क्विंटल बीज का वितरण 2250 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से किया जायेगा। प्रत्येक किसान को 3 किलोग्राम बीज मिलेगा, जो एक एकड़ के लिए पर्याप्त होगा।बेबी कॉर्न का बीज बौंसी, चांदन, फुल्लीडूमर और रजौन प्रखंडों में वितरित किया जायेगा। कुल 8 क्विंटल बीज का वितरण 750 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से होगा। प्रत्येक किसान को 8 किलोग्राम बीज मिलेगा। जिले में पहली बार इसकी खेती की जायेगी।
मोटे अनाज के तहत मक्का की खेती को बढ़ावा देने के लिए 700 क्विंटल बीज का वितरण किया जायेगा। प्रति किसान 8 किलोग्राम बीज मिलेगा। इसकी कीमत 150 रुपये प्रति किलोग्राम होगी, जो 50 प्रतिशत अनुदान दर पर दी जायेगी।अन्य फसलों में संकर धान का वितरण भी किया जायेगा। कुल 1100 क्विंटल बीज का वितरण 150 रुपये प्रति किलोग्राम की अनुदान दर पर होगा। अरहर और तिलहन फसलों के लिए तिल बीज का वितरण भी अनुदानित दर पर किया जायेगा।कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत किसानों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जायेंगे। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना की जायेगी।
सभी योजनाओं के तहत क्लस्टर में फसल प्रत्यक्षण कार्यक्रम भी होंगे, ताकि अन्य किसान भी इन तकनीकों को देख सकें।सुगंधित धान की खेती योजना के तहत कतरनी धान उत्पादक किसानों को 6000 रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जायेगी। इसके लिए 500 एकड़ का लक्ष्य तय किया गया है।जिला मिट्टी जांच प्रयोगशाला को इस वर्ष 6180 मिट्टी नमूने प्राप्त हुए हैं।
इनका विश्लेषण कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड तैयार कर किसानों को वितरित किया जायेगा। यह कार्य सहायक निदेशक (रसायन), बांका द्वारा किया जा रहा है।