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APP न्यूज भागलपुर : अभिभावक दिवस पर बच्चो के शिक्षा को लेकर क्या बोले मिथिला यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ संजय कुमार चौधरी, देखिए रिपोर्ट

डबलू कुमार APP न्यूज भागलपुर (बिहार) ;

स्कूल में अभिभावक दिवस पर उद्घाटन करते कुलपति
गावों मे अच्छी शिक्षा से बच्चों का भविष्य हो रहा है उज्जवल - कुलपति

भागलपुर जिले अकबरनगर के भवनाथपुर एमजी पब्लिक स्कूल में रविवार को अभिभावक दिवस धूमधाम से मनाया गया कार्यक्रम का उद्घाटन मिथिला यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर संजय कुमार चौधरी, मुख्य अतिथि डॉ ए के राय प्रचार विनोद कुमार चौधरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया उद्घाटन के बाद स्कूल के बच्चों ने लोक नृत्य एकांकी की बेहतर प्रस्तुति किया मिथिला यूनिवर्सिटी दरभंगा के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर संजय कुमार चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि शहर की तरह अब गांव में भी बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल रहा है।

बच्चों को मोबाइल से दूर रखें,तभी मिलेगा शिक्षा का लाभ

इससे बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा जितना जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन का बच्चों पर होता है उससे अधिक जिम्मेदारी बच्चों के माता-पिता पर रहना चाहिए तभी बच्चों का सर्वांगिक विकास देखने को मिलेगा मुख्य अतिथि डॉ ए के राय ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों को मोबाइल के उपयोग से हमेशा दूर रखने की जरूरत है मोबाइल पर प्रतिबंध लगाकर ही बच्चों को सही दिशा दिया जा सकता है। बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिकता का भी ज्ञान दिलाने की जिम्मेदारी आज सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है।

भवनाथपुर के एमजे पब्लिक स्कूल मे मनाया अभिभावक दिवस

स्कूल के प्रचार विनोद कुमार चौधरी ने कहा कि इस अभिभावक दिवस का बनाने का उद्देश्य एक ही है कि स्कूल में दी जाने वाली शिक्षा को बच्चों के बीच कहां तक पहुंच पाया इसका व्याख्यान करने के लिए अभिभावकों के साथ एक संवाद के लिए यह कार्यक्रम किया गया है ताकि अभिभावक अपने बच्चों के पीछे कर रहे खर्च का भी सही मूल्यांकन कर सके। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन स्कूल के निदेशक अमरदीप कुमार ने किया। इस मौके पर नरेश सिंह संजय सिंह अमरजीत सिंह विनोद कुमार नवनीत कुमार मौजूद थे। 

ओल्ड इज गोल्ड कार्यक्रम देख अभिभावक हुए गदगद

एमजे पब्लिक स्कूल मे अभिभावक दिवस के मौके पर संस्कृति कार्यक्रम के साथ ओल्ड इज गोल्ड कार्यक्रम का प्रसतुति बच्चों ने किया। इस दौरान राजस्थानी, पंजाबी के साथ साथ बिहार के कला संस्कृति को दिखाया गया। छात्र छात्रों ने लोकनृत्य, एकांकी नाटक के माध्यम से बताया कि शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन कितना अंधकार होता है। शिक्षा के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। बेटा के बेटी की शिक्षा कितना जरूरी है। अभिभावकों ने बच्चों की इस अभिनय से गदगद हो गया।



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