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वर्ष 2025 का दूसरा सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण भारत पर क्या पड़ेगा असर

APP न्यूज ब्यूरो रिपोर्ट, पटना बिहार


7 सितंबर 2025 को साल का अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण लगेगा, जो भारत में रात 9:58 से 1:26 बजे तक पूर्ण रूप से दिखाई देगा।

इसी दिन से पितृ पक्ष की शुरुआत भी हो रही है, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है। चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखेगा, इसलिए सूतक काल प्रभावी रहेगा।

चंद्र ग्रहण खगोलीय घटना के साथ-साथ धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस ग्रहण में चंद्रमा और राहु की युति के साथ बुध और केतु से समसप्तक योग बन रहा है। यह योग अचानक घटनाओं, मानसिक भ्रम, और झूठी सूचनाओं के फैलाव को जन्म दे सकता है।

जहां एक ओर ग्रहण अन्य क्षेत्रों में तनाव ला सकता है, वहीं कृषि के लिए यह ग्रहण लाभकारी संकेत दे रहा है। बारिश का संतुलन, मिट्टी की उर्वरता और मौसम का अनुकूल व्यवहार किसानों के लिए अच्छा समय लेकर आ सकता है।

इस ग्रहण का सीधा असर महिलाओं, खासकर गर्भवती महिलाओं पर देखा जा सकता है। मानसिक अस्थिरता, थकावट, और अनिद्रा जैसी समस्याएं उभर सकती हैं। शास्त्रों में भी गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

ज्योतिषविदों के अनुसार, इस चंद्र ग्रहण के प्रभाव से पश्चिम भारत, बंगाल, आंध्र प्रदेश जैसे क्षेत्रों में सामाजिक उथल-पुथल की संभावना है। कुछ मुस्लिम बहुल देशों में संघर्ष या हिंसक घटनाएं भी घट सकती हैं। यह समय राजनीतिक तौर पर संवेदनशील माना जा रहा है।

इस बार का चंद्र ग्रहण कुंभ राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में हो रहा है। कुंभ राशि शनि की राशि है, जो कर्म, अनुशासन और बदलाव का प्रतिनिधित्व करती है। वहीं पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र आध्यात्मिकता, रहस्य और बलिदान से जुड़ा हुआ है। इस ग्रहण का संयोजन दर्शाता है कि सामाजिक और मानसिक बदलाव आने वाले हैं।

कौन सा देश में दिखेगा चंन्द्रग्रहण

भारत के सभी राज्यों में चंद्र ग्रहण का आरंभ, मध्य और समापन स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।

यूरोप के अधिकांश देशों में यह पूर्ण चंद्र ग्रहण दृश्य होगा।

संपूर्ण एशिया  जैसे कि नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका, चीन, जापान आदि में भी यह दिखाई देगा।

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी यह चंद्र ग्रहण पूरी तरह से नजर आएगा।

अफ्रीका के अधिकतर भागों में भी यह ग्रहण दृष्टिगोचर होगा।

पश्चिमी उत्तर अमेरिका में भी आंशिक रूप से यह चंद्र ग्रहण दिखेगा।

दक्षिण अमेरिका और खासतौर पर ब्राजील के पूर्वी हिस्सों में भी ग्रहण का दृश्य देखने को मिलेगा।



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