कुणाल शेखर APP न्यूज ,क्राईम रिपोर्टर भागलपुर
कहलगांव सीट पर सियासी पारा चढ़ा, INDIA गठबंधन में दावेदारी को लेकर खींचतान
कांग्रेस और राजद दोनों ने दिखाई अपनी-अपनी ताकत, बैनर पोस्टर से शुरू हुआ प्रचार
भागलपुर राजद कार्यकर्ता विक्रम मंडल ने एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कहलगांव सीट पर कांग्रेस नेता स्व. सदानंद सिंह ने वर्षों तक प्रतिनिधित्व किया, लेकिन अब समय बदल रहा है। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज के बेटे मंगनी लाल मंडल को जिस प्रकार राजद ने बड़ी भूमिका दी है। उसी तर्ज पर कहलगांव की जनता भी बदलाव चाहती है और एक नई सोच के साथ अति पिछड़ा समाज के प्रतिनिधि को सामने लाना चाहती है।
विक्रम मंडल ने दावा किया कि यदि उन्हें राजद का सिंबल मिलता है तो वे पूरी ताकत से चुनाव मैदान में उतरेंगे और जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज का उन्हें भरपूर समर्थन मिल रहा है और INDIA गठबंधन की एकजुटता से इस बार जीत महागठबंधन की ही होगी। बता दे कि बिहार में विधानसभा चुनाव की दस्तक के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। तमाम दलों ने अपनी रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। सत्तारूढ़ गठबंधन जहां अपनी सत्ता बचाने के लिए हरसंभव प्रयास में जुटा है।
वहीं विपक्ष बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों के जरिए जनता के बीच पहुंचने की कोशिश में लगा है। भागलपुर की कहलगांव विधानसभा सीट पर भी सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। यह सीट कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ मानी जाती थी। वरिष्ठ नेता स्व. सदानंद सिंह यहां से नौ बार विधायक चुने गए थे। लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में यह सीट भाजपा के खाते में चली गई और वर्तमान में यहां से पवन यादव विधायक हैं। इस बार के चुनाव में INDIA गठबंधन के भीतर कहलगांव सीट को लेकर अंदरूनी खींचतान देखने को मिल रही है।
एक ओर कांग्रेस अपनी खोई जमीन फिर से पाने की कोशिश में लगी है। तो वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी इस सीट पर अपना दावा मजबूत कर रही है। कहलगांव में चुनावी माहौल गरमाने लगा है । बैनर-पोस्टरों के जरिए राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं ने प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। कांग्रेस की ओर से प्रवीण सिंह कुशवाहा पूरी ताकत के साथ पार्टी सिंबल हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी ओर राजद की ओर से एक नया युवा चेहरा विक्रम मंडल मैदान में उतरने को तैयार हैं। हालांकि सीट शेयरिंग को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
लेकिन अंदरखाने में रस्साकशी तेज है। कांग्रेस जहां इस सीट को छोड़ने के मूड में नहीं दिख रही है। वहीं राजद नए चेहरे के जरिए अपना प्रभाव बढ़ाना चाह रही है ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि INDIA गठबंधन इस सीट पर किसे मौका देता है। और अंततः जीत की बाजी कौन मारता है।