फूलों से प्रेम ने बना दिया छत को बग़ीचा, भागलपुर की पूनम पांडेय के गार्डन में खिले 63 किस्म के फूल
साल-1968 में फ़िल्म रिलीज हुई थी सरस्वतीचंद्र जिसमें एक गाना था फुल तुम्हें भेजा है खत में, फुल नहीं मेरा दिल है। आज के दौर में खत में फुल भेजने की परम्परा कम हुई है लेकिन फुलों से लोगों का लगाव कम नहीं हुआ है।
प्रकृति से लगाव और फूलों से प्रेम ऐसा ही छत को बगीचा बना दिया। भागलपुर भीखनपुर की रहने वाली पूनम पांडेय का छत प्राकृतिक सौंदर्य से भरा है। 63 प्रकार के अलग-अलग किस्म के फूलों से भरा छत हर किसी को आकृषित करता है।
पहली बार में देखने से छत नहीं फूलों का बगीचा लगाता है। पूनम बताती हैं फूलों से सिर्फ छत की खूबसूरती ही नहीं बढ़ती, बल्कि यहां समय व्यतीत करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
यह फुल हमारे बच्चें हैं ओर मैं नियमित रूप से इसकी देखभाल करती हुं।
निजी स्कूल के शिक्षिका के द्वारा अपने छत पर बनाए गए फूलों का गार्डन चर्चा का विषय बना हुआ है।