कुंदन कुमार APP न्यूज अमरपुर बांका (बिहार)
अमरपुर में मांगो को लेकर सफाई कर्मियों का हड़ताल जारी
बांका जिले के अमरपुर नगर पंचायत में ईपीएफ बंद कर मजदुरी बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर जारी सफाई कर्मियों की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी रहा। इससे शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। पुरानी चौक, बस स्टैंड चौक, गोला चौक, हटिया चौक, महमदपुर काली स्थान, डुमरामा मस्जिद चौक समेत कई इलाकों में कचरे का ढेर लग गया है। गली-मोहल्लों और सड़कों के किनारे भी कचरा फैल गया है। इससे राहगीरों को आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है।
मुख्य पार्षद और कई पार्षदों ने सफाई कर्मियों को समझाने की कोशिश की। लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे। सफाई कर्मियों ने साफ कहा कि जब तक ईपीएफ की राशि का पूरा हिसाब नहीं मिलेगा,तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।सफाई कर्मी कचहरी परिसर में एकजुट होकर सफाई संवेदक के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगो के आवाज को बुलंद किया। प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मी सोनू मेहतर,अनील दास, विक्रम मेहतर,विकास कुमार, चंदन राम, मिथुन मेहतर, गोविन्द मेहतर, सुमन मेहतर आदी ने बताया कि वह सभी मजदुर वर्षो से नगर पंचायत की गंदगी की सफाई करते आ रहे हैं।
लेकिन विभाग के द्वारा मजदुरी के नाम पर मात्र 310 रूपये का भुगतान किया जाता है। साथ ही विभाग के द्वारा मजदूरों को प्रतिदिन 84 रूपया ईपीएफ राशी की कटौती कर उनके खाते में जमा करने का आश्वासन दिया जाता है। जबकि सच्चाई यह है कि पीएफ की राशी कुछ मजदुरो के ही खाते में भेजी जाती है शेष अन्य मजदुरो को विभाग के द्वारा ठगने का कार्य किया जा रहा है। जब मजदुर एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करते हुए हक की लड़ाई लड़ते हैं तो नगर पंचायत के प्रतिनिधि तथा सफाई संवेदक के द्वारा दुसरे मजदूरों को बुलाकर शहर की साफ सफाई कराने की धमकी दी जाती है।
मजदूरों ने कहा कि जब तक ईपीएफ राशी बंद कर हमलोगों को 410 रूपये की दर से मजदुरी नहीं मिलेगी तब तक हम मजदूरों का हड़ताल जारी रहेगा तथा हड़ताल की अवधी में दुसरे मजदूरों से कार्य कराने का पुरजोर विरोध करते हुए दुसरे मजदूरों से शहर की साफ-सफाई का कार्य नहीं कराने दी जायेगी।मजदूरों ने बताया कि इस मंहगाई के दौर में 310 रूपये मजदुरी में परिवार चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।उधर दुसरी तरफ सफाई कर्मियों की हड़ताल के वजह से गली, मोहल्ले में कुड़े का ढेर दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।
शहर के नालों की उड़ाही पुरी तरह से बंद हो गई है जिसके कारण गली मोहल्ले में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। अमरपुर नगर पंचायत के 14 वार्डों में सफाई व्यवस्था पर हर महीने 15 लाख रुपये से ज्यादा खर्च होता है। इसके बावजूद शहर की सफाई व्यवस्था हमेशा खराब बनी रहती है। संवेदक के इकरारनामे में साफ लिखा है कि मुख्य सड़कों पर सुबह और शाम झाड़ू लगाना अनिवार्य है। लेकिन अब तक सिर्फ सुबह में ही झाड़ू लगाई जा रही थी।
मामले को लेकर जब नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी रविशंकर प्रसाद से बात करने का प्रयास किया गया तो कार्यपालक पदाधिकारी ने फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझे। नगर पंचायत की मुख्य पार्षद ने बताया कि सफाई संवेदक को बुलवाया गया है। सफाई कर्मियों से वार्ता कर जल्द ही हड़ताल को समाप्त करा दिया जाएगा।