Left Post

Type Here to Get Search Results !
Responsive Image
LIVE

बांका : जिले के बलुआ गांव में कर्ज के बोझ से दबे दंम्पत्ति ने पूत्र के साथ कर ली आत्महत्या , उसके बाद भी मृतक के परिजन को महाजन के तगादे से नही मिल रही छुटकारा

क्राइम खबर



रिपोर्ट कुंदन कुमार APP न्यूज ,अमरपुर (बांका): 

जिले के अमरपुर प्रखंड के बल्लिकित्ता पंचायत अन्तर्गत बलुआ गांव में विगत 17 नवंबर को ननबैकिंग फाईनेंस से लिए कर्ज के बोझ तले दबे एक परिवार के पांच सदस्यो द्वारा जहर खाकर आत्महत्या करने की प्रयास ने पुरे सिस्टम की पोल खोलकर रख दिया है। घटना में मायागंज भागलपुर अस्पताल में ईलाज के दौरान कन्हाय महतो ,उनकी पत्नी गीता देवी तथा उनका 12 वर्षीय पुत्र आलोक उर्फ धीरज की मौत हो गई थी। जबकि मृतक की इकलौती पुत्री सबिता कुमारी तथा छोटा पुत्र राकेश कुमार(08) वर्ष अभी भी मायागंज अस्पताल में ईलाजरत है। 

बिषपान के बाद इलाजरत मृतक के पूत्र व पूत्री की हालत खतरे से बाहर 

हालांकि दोनो की स्थिती खतरे से बाहर है। घटना ने मृतक का परिवार के साथ -साथ पुरे पंचायत वासियो को झकझोर कर रख दिया। एक ही परिवार के तीन सदस्यो की मौत होने के बाद गरीबी में जीवन बसर कर रहे उनके परिजनो के बीच दाह संस्कार करने की खासी परेशानी उत्पन्न हो गई।पंचायत के मुखिया तथा अधिकारियो ने कुछ आर्थिक मदद कर तीनो मृतक का दाह संस्कार तो करा दिया लेकिन अब परिवार के समक्ष श्राद्धकर्म करने की चिंता बनी हुई है।

घटना के बाद भी मृतक के घर पैसा मांगने पहुंच रहे महाजन

मृतक गांव की करीब डेढ़ दर्जन महिलाओं के नाम पर कर्ज ले रखा था जिसे चुकता करना अब महिलाओं के बीच चुनौती बनी हुई है। मृतक के बड़े भाई श्याम महतो ने बताया कि गांव की महिलाएं सुबह -शाम आते जाते कर्ज की पैसे को लेकर तरह -तरह की ताने देकर उनलोगों को परेशान कर रहे हैं। जिस कारण परिवार के सदस्य दहशत की जिंदगी जीने पर मजबुर हो गये हैं। उन्होंने बताया कि उनके छोटे भाई मृतक कन्हाय महतो की 16 वर्षीय पुत्री सबिता कुमारी तथा 08 वर्षीय पुत्र राकेश कुमार का अब परवरिश कैसे होगा यह जटिल समस्या बनी हुई है। 

प्राईवेट बैंक व फाईनेंस बैंक पर उठ रहे सवाल

विदित हो की 17 नवंबर शनिवार की अहले सुबह प्राईवेट बैंको से लिये लोन का चुकता नहीं कर पाने की स्थिती में बलुआ गांव निवासी कन्हाय महतो अपने पत्नी व बच्चो के साथ जहर खा लिया था।घटना में कन्हाय महतो ,उनकी पत्नी व एक बच्चे की मौत हो गई थी। घटना ने प्राईवेट बैंको तथा कलैक्शन करने आये एजेन्टो पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। आखिर कब तक भोले -भाले ग्रामीण प्राईवेट बैंको की मकड़जाल में फंसकर अपनी जिंदगी तबाह करते रहेंगे। यह आज भी एक अबुझ पहेली बनी हुई है।



Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Design by - Blogger Templates |