कुमार सुबोध सिंह ,डेस्क रिपोर्ट बांका (बिहार),
शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र के कैथा गांव में रविवार को शिव शिष्य परिवार बांका द्वारा एक दिवसीय शिव परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शिव परिचर्चा कैथा गांव के शिव शिष्य द्वारा आयोजित किया गया था। जहां शिव परिचर्चा का शुभारंभ शिव शिष्यों ने हर भोला -हर भोला, हर शिव सक्रीतन से प्रारंभ किया। इस दौरान शिव परिचर्चा में बताया गया कि मानव जीवन में गुरु की जरूरत है। कहा गया कि शिव को जगतगुरु नमस्तुभ्य है। शिव ही ऐसा गुरु है जो कि दानी ही नहीं, महादानी है, देवता नहीं महादेव यानी पूरे श्रृष्टि के मालिक हैं। शिव ही एक ऐसा सत्ता है जो कि चाहे किसी धर्म की हो, वो सबको गले लगाते हैं।
शिव गुरु के बिना जगत का कल्याण संभव नहीं
शिव ही पूरे जगत में सबसे ज्यादा पूज्यनीय माने जाते हैं। शिव को गुरु बनाकर लौकिंक - पर लौकिंक सारी मनोरथ सिद्ध कर सकते हैं। शिव को गुरु बनाने के लिए इस कालखंड के प्रथम शिव शिष्य साहब श्री हरिन्द्रानंद जी ने जनमानस को तीन सूत्र दिया है। जिसकी पालन करने मात्र से व्यक्ति शिव का शिष्य होकर मनोरथ सिद्ध कर सकते हैं। मात्र तीन सूत्र दया, चर्चा और नमः शिवाय से शिव को अपना गुरु बना सकते हैं। उन्होंने बताया कि शिव और शक्ति एक है।
शिव का शिष्य होने के लिए धर्म, मजहब, लिंग वर्ण का कोई भेदभाव नहीं
शिव को 1008 नमो से जपने जाते हैं। इस मौके पर बांका जिला शिव शिष्य परिवार के जिला अध्यक्ष सीताराम सिंह, सचिव धनंजय राय, मुरारी जी, वीरेंद्र पासवान, मंगल दास, उमेश रजक, विजय मंडल, सीता बहन, गुड़िया बहन, सुभाष शर्मा, ग्तरामीण तनुजा भारती , गुंजा देवी, प्रमिला देवी, रुबी देवी, रीना देवी, रुपम, कारेलाल सहित अन्य ग्रामीणों द्वारा सहयोग किया गया।