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बांका : दुसरे राज्यो से शव लेकर आए एंबुलेंस व दो चालक को 36 घंटा से ग्रामीण बनाएं हुए है बंधक, देखिए रिपोर्ट

कुमार सुबोध सिंह | शंभूगंज (बांका) :- छत्तीसगढ़ से मजदूर का शव लेकर शंभूगंज थाना क्षेत्र के कमड्डी गांव आए एंबुलेंस और चालक दल के दो सदस्यों को ग्रामीणों के द्वारा पिछले 36 घंटे से ज्यादा समय से गांव में ही बंधक बनाकर रखा गया है। बंधक बनाए जाने का कारण मृतक मजदूर के परिजनों को संवेदक के द्वारा कहकर पांच लाख का मुआवजा नहीं देने से आक्रोशित ग्रामीणों के द्वारा बंधक बनाए जाने की बात कही जा रही है। जानकारी के अनुसार शंभूगंज प्रखंड क्षेत्र के कमड्डी गांव के भुवनेश्वर मंडल के पुत्र चंद्र विकास मंडल (38) छत्तीसगढ़ के नगरी छग शहर में पानी टंकी का निर्माण कार्य में मजदूरी कर रहे थे। जहां दो दिन पूर्वी ही पानी टंकी के निर्माण कार्य स्थल पर ही 100 फीट ऊंचाई पर से गिरकर मजदूर चंद्र विकास मंडल की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पानी टंकी निर्माण कार्य के संवेदक राजू अग्रवाल के द्वारा मृतक के परिजनों को ₹5 लाख मुआवजा घर मृतक का शव के घर पहुंचते ही भेज देने की बात कही गई थी। जिसके बाद संवेदक के द्वारा ही एंबुलेंस से मृतक मजदूर चंद्र विकास मंडल के शव को घर भेजा गया था। किंतु शव बुधवार की शाम ही कमड्डी गांव पहुंचने के बाद जब संवेदक राजू अग्रवाल से कही गई ₹5 लाख मुआवजे की मांग की तो संवेदक के द्वारा गाली गलौज किए जाने लगा। जिससे आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने छत्तीसगढ़ से शव को लेकर आए एंबुलेंस और चालक दल के दो सदस्य गजेंद्र निषाद और देवनारायण निषाद को ही बंधक बना लिया गया है। जहां एंबुलेंस और चालक दल के दोनों सदस्य 36 घंटा से ज्यादा समय से कमड्डी गांव में बंधक बने हुए हैं। मृतक के परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि छत्तीसगढ़ के नगरी छग शहर में पानी टंकी निर्माण कार्य में लगे मजदूर चंद्र विकास मंडल की गिरकर मौत हो जाने की घटना के बाद संवेदक राजू अग्रवाल के द्वारा ₹5 लाख का मुआवजा देने की बात कही थी। इसको लेकर के शव घर पहुंचने के साथ ही यहां से राशि भेज देने की बात कही गई थी।‌ ग्रामीणो का कहना है कि मजदूर का शव जब गांव पहुंच गया तो अब मुआवजा की राशि मांगने पर संवेदक राजू अग्रवाल के द्वारा गाली गलौज किए जाने लगा। जिससे आक्रोशित होकर परिजन और ग्रामीण एंबुलेंस के साथ-साथ एंबुलेंस के चालक गजेंद्र निषाद और देवनारायण निषाद को ही बंधक बनाकर पिछले 36 घंटा से ज्यादा समय से रखे हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि चंद्र विकास मंडल की मौत हो जाने के बाद अब उसकी पत्नी उषा देवी और दो पुत्र एक पुत्री का भरण पोषण करने का सहारा ही खत्म हो गया है। ऐसे में संवेदक के द्वारा कही गई मुआवजा जब तक मृतक के परिजनों को नहीं दी जाती तब तक वे लोग एंबुलेंस और चालक और सहचालक को रिहा नहीं कर सकते हैं।


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